बारसोई के ग्रामीण इलाकों में बिजली की समस्या क्यों?

Md karim Didar
By -


BARSOI~BALRAMPUR

आज की लेख में बात करते हैं कि, बारसोई प्रखंड के सभी ग्रामीण इलाकों में आखिर बिजली की इतनी समस्या क्यों?इसका जिम्मेदार कौन? 
सरकार के मुताबिक बिहार के हर गांव में कम से कम 20 से 22 घंटे बिजली उपलब्ध कराने की वादा की थी।
लेकिन देखा जाए तो बारसोई,बलरामपुर में पूरे 24 घंटे में सिर्फ एक-आध घंटा की बिजली उपलब्ध होती हैं।
बच्चो की तालीम में दिक्कत, लोग गर्मी से तरप रहे हैं। घर में बल्ब जल नही रहे हैं क्योंकि कि low voltage की समस्या बारसोई पावर हाऊस की आम बात हैं। 
इसकी जिम्मेदार कौन?
क्या लोकल नेता जिम्मेदार......लापरवाह पदाधिकारी जिम्मेदार या सरकार जिम्मेदार किसके कारण हमे अपने घर तक सही से बिजली पहुंच नही पाती हैं। या कहीं न कहीं हम खुद आम जनता ही हैं इसका जिम्मेदार?

*Local Leaders

अक्सर ग्रामीण नेता हमे सिर्फ फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम में ही देखने को मिलता हैं। कोई जमीनी लड़ाई लड़ना ही नही चाहता। कोई ये नही बोलता कि पिछले एक सप्ताह से बिजली क्यों नहीं हैं? आखिर कारण क्या हैं?पदाधिकारी से बात नहीं करेगा।  फेसबुक ट्विटर या इंस्टाग्राम पर आ के लोगो को सलाह देना शुरू कर देगा कि हमें एक सप्ताह बिजली नहीं मिली हैं। हम बारसोई बिजली विभाग का बॉयकॉट करते हैं, बारसोई बिजली विभाग मुर्दाबाद की फेसबुकिया नारा लगाना शुरू कर देगा।
मेरे भाई ऐसे में आपको कभी भी सही से बिजली प्राप्ति नहीं होगी इसके लिए आपको और हमे संघर्ष लड़ना होगा।
जमीनी स्तर पर लोगो को जगरूप करना होगा। हम पुराने जमाने में नही नई जमाने में जी रहे हैं। लोगो को ये बतानी होगी। लालटिन के सहारे नही जी सकते, हमे बिजली की जरूरत हैं। 
जो जमीनी स्तर पर अपनी आवाज बुलंद करती हैं। कुछ पूंजीपति वर्ग के लोग उस लीडर को सपोर्ट करने के बजाए नाकाम बिजली सप्लायर के पदाधिकर को समर्थन करते हैं।
कुछ महीने पहले की बात हैं जब आइसा के युवा वर्ग ने बिजली विभाग के खिलाफ़ प्रदर्शन किया था। तब लोगो की उतनी समर्थन नहीं मिली थी, जितनी मिलनी चाहिए था। लोग घर में बैठे रहे आंदोलन को समर्थन नहीं दिया, आज वहीं लोग कह रहे हैं कि हमें बिजली मिल रहे हैं हम क्या करे, हमारी बच्चो की पढाई कैसे होगी। घर में बल्ब कैसे जलाएंगे आदि आदि...
अब आप बताइए इसमें युवा नेता क्या कर सकता हैं.. 
भूल आपकी हैं भुगतना आपको पड़ रहा हैं।


लापरवाह पदाधिकारी 

अब बात करे बारसोई बिजली विभाग के अफसरों की तो ये सबसे बड़ा रोड़ा हैं हमारे क्षेत्रो की (सिर्फ रिश्वत लेने वाले पधाधिकारी की बात हो रही हैं)
ये लोग अपने जेब गर्म करने के चक्कर में बिजली विभाग में घोटाला करते हैं। खराब तार का इस्तमाल करते हैं, एक पिलर से दूसरी पिलर की जितनी दूरी होनी चाहिए उससे ज्यादा दूरी होती हैं।तार काफी झूल जाते हैं, तारो में तनाव आ जाते हैं।
खराब मैटीरियल का यूज करते हैं। जिस कारण से अगर कभी भी थोड़ी सी भी बारिश या तेजी हवा हो हैं तो बिजली हप्तो हप्तो गुम हो जाते हैं।
मेरा सवाल उन अफसरों से हैं कि क्या शहरो में बारिश नही होती?
शहरों में चक्रवात तूफान नही होती? शहरो में भी ये सब प्राकृतिक आपदा आती हैं लेकिन फिर भी शहरो में सिर्फ एक या दो घंटे ही बिजली कट रहती हैं। लेकिन रूरल एरिया में ख़ास कर बारसोई नगर क्षेत्र में बिजली क्यों उपल्ध नही होती हैं।
इसके लिए तो जिम्मेदार बड़े बड़े अफसर ही होंगे।

सरकार ज़िम्मेदार

बिहार में नीतीश कुमार की सरकार हैं। और केंद्र में भाजपा की सरकार है, तो सवाल पूछना भी लाजमी हैं?
नीतीश सरकार के मुताबिक और उसके घोषणा पत्र के अनुसार बिहार के हर क्षेत्र में कम से कम 20-22 घंटे बिजली उपलब्ध रहेगी।
लेकिन हकीकत इससे कुछ अलग हैं। एक आध घण्टे बिजली के कारण बच्चे पढ़ नही पा रहे हैं। लोग घर में रात को बल्ब जला नही पा रहे हैं।
कहीं न कहीं देखा जाए तो सरकार दोहरी नीति अपना रहा हैं..
शहर में पर्याप्त बिजली दे रहे हैं लेकिन ग्रामीण इलाकों में बिजली बाधित रहती हैं।

हम खुद ज़िम्मेदार(आम जनता)

देखा जाए तो कहीं न कहीं हम खुद ही इसका जिम्मेदार हैं। हम खुद को कमजोर और बेबस समझते हैं।
अफसरों से बात करने से डरते हैं। फोन नही मिलाते हैं। इस डर को बाहर निकालना हैं। चाहे कोई भी हो अगर वह गलत करते हैं उसका विरोध करना हैं। चाहे वह कोई भी हो...
                                                            Thank You 💞
                                                              Karim Didar






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