Belwa
Author-Karim Didar
काफ़ी लोगो के मन में एक न एक बार ये सवाल जरूर आया होगा कि पंचायती राज में विकास नही होने के पीछे किया कारण हैं। हमारे परोस के पंचायत विकासिल नही विकसित बन चुका हैं। लेकिन हमारे बेलवा पंचायत अभी तक इतना पिछड़ा क्यों हैं?
ठीक उसी तरह से जैसे भारत में कुल 29 राज्यों में अपना बिहार सबसे पिछड़ा राज्य हैं..सभी पंचायत की तुलना में बेलवा पंचायत(बारसोई) सबसे पिछड़ा हुआ पंचायत हैं।
आज इसी पर सवाल होंगे की आखिर ऐसी किया कमी रह गई कि हमारे बेलवा पंचायत इतने पीछे हो गए...
बात विस्तार से होंगे..आप पूरे लेख पढ़े...
मैं लेख इसलिए लिखता हूं..ताकि बेलवा पंचायत के लोग लेख पढ़े सके,और सही को सही, गलत को गलत का पहचान सके, क्योंकि बेलवा पंचायत को हमें और आपको मिलकर ही विकासिल नही विकसित बनाना हैं।
किया कार्य होता हैं वार्ड मेंबर का.
वार्ड मेंबर के पास खास तरह की पावर होता हैं। वार्ड मेंबर ग्राम पंचायत के सदस्य होता हैं। पंचायत के जितने भी वार्ड सदस्य होते हैं सभी की मोजुदगी में और सभी के निर्णायक फैसले से ही कोई कार्य का शुभ आरंभ होता हैं। यानी आप कह सकते हो की मुखिया वॉर्ड सदस्यों के बिना अनुमति के कोई कार्य कर ही नही सकता।
अब बात करते हैं आगे की जब बिहार में 2017 में काफी बाढ़ आई हुई थी तब सरकार की तरफ से चावल, दाल, सोयाबीन आदि पंचायती राज के अंतर्गत आए हुए थे।
राहत पैकेज को आधी देने में मुखिया समेत पंच दलाल और वार्ड मेंबर सभी मिले हुए थे..जिस कारण सभी गरीब को सही से राहत पैकेज तक नहीं मिल पाया..
बात करते हैं COVID के समय की तो COVID के टाइम मेंबर के निगरानी से सभी जरूरी सामान आए हुए थे।
जैसे मास्क, सेनिटाइजर, फेस शील्ड, साबून आदि...ये सभी सामग्री उसी को मिला जो अमीर थे या फिर जो मेंबर के दलाल थे।
हमे तो आज तक कुछ नही मिला.. जबकि हमे मिलना चाहिए था क्योंकि ये हमारा मौलिक अधिकार है। वार्ड मेंबर से कोई रिश्वत नही मांग रहा हूं। अपना अधिकार मांग रहा और आप सभी पाठकों को एक संदेश देना चाहता हू कि चाहे अपना रिश्तेदार ही क्यों न हो अगर वह दलाली करता हैं, लोगो का पैसा मार कर खाता हैं तो उसके खिलाफ आवाज उठाओ..
*मुखिया का कार्य..
- ग्राम सभा और ग्राम पंचायत की बैठकें आयोजित करना और उनकी अध्यक्षता करना।
- बैठकों का कार्य-व्यवहार संभालना और उनमें अनुशासन कायम रखना।
- एक कैलेण्डर वर्ष में ग्राम सभा की कम-से-कम चार बैठकें आयोजित करना।
- पूँजी कोष पर विशेष नजर रखना।
- ग्राम पंचायत के कार्यकारी प्रशासन की देख-रेख।
- ग्राम पंचायत में कार्यरत कर्मचारियों की देख-रेख और दिशा नियंत्रण करना।
- ग्राम पंचायत की कार्ययोजनाओं/ प्रस्तावों को लागू करना।
- नियमानुसार रखी गई विभिन्न रजिस्टरों के रख-रखाव का इंतजाम करना।
- ग्राम पंचायत द्वारा तय किए टैक्सों, चंदों और फीसों की वसूली का इंतजाम।
- विभिन्न निर्माण कार्यों को कार्यान्वित करने का इंतजाम करना, और
- राज्य सरकार या एक्ट अथवा किसी अन्य कानून के अनुसार सौंपी गई अन्य जिम्मेदारियों और कार्यों को पूरा करना।