बीते कुछ दिन पहले सनकोला से सटे ग्राम लखिटोला में वार्षिक अष्टपहर का आयोजन किया गया था। भगवान राम और भगवान कृष्ण जी के नाम का जाप मंत्र पढ़े गए। यह प्रोग्राम हिंदू-मुसलमान दोनों समाज के लोगो में आपसी भाईचारा और गांव में खुशहाल लाने के लिए किया गया था। लेकिन बात तब हाई अलर्ट बन गया, जब बेलवा पंचायत के मुखिया के पति ग्रोग्राम में सामिल होकर सर झुकाकर भगवान को प्रणाम किया।
मुखिया के पति का फोटो देखे जिसमें अब्दुल वदूद ने भगवान के सामने माथा टेके थे।
बेलवा पंचायत के नाम से एक फेसबुक अकाउंट हैं। मैं नहीं जानता इसे ऑपरेट कौन कर रहा हैं। लेकिन इतना जरूर कह सकता हूं कि जहर इसी अकाउंट को हैंडल करने वाले ने फैलाई।
विवादित फेसबुक पोस्ट...
लोगों ने तरह तरह के कमेंट्स किए किसी ने तो फिर से कलमा पढ़ कर मुसलमान बनने की बात कही, तो किसी ने उसे मुसलमान मानने से इंकार कर दिया।किसी ने उसे गा>'ली दी तो किसी ने उसे प्रताड़ित किया?
लेकिन सवाल हैं कि आखिर क्यों मुखिया के पति लोगो के टारगेट में आ गया।
इस्लाम धर्म के मानने वालो के मुताबिक, अल्लाह के बारगाह के अलावा की और के सामने झुकना सिर्क हैं। लेकिन वदूद जी अल्लाह के बारगाह के अलावा किसी और धर्म स्थल पर अपना सर टेके थे। इंजाम ये भी हैं कि उसने तराबी की नमाज छोड़ कर प्रोग्राम में बिज़ी थे।
लेकिन मेरा मानना हैं, ये उसकी पर्सनल लाइफ हैं। वह तराबी की नमाज पढ़े या ना पढ़े, किसी के सामने सर झुकाए या किसी के सामने सर टेके, इसमें विवाद नही होनी चहिए।
युवाओं गरीबों का ध्यान भटकाया जा रहा हैं। ऐसे पोस्ट कर के, सवाल करना ही हैं तो सवाल करो रोजगार पर ,ग्राम सड़क योजना पर, स्कूल के खराब स्थिति पर, इंद्रा आवास योजना पर, नल जल योजना पर, लेकिन नही यहां तो सिर्फ धर्म का पाठ पढ़ाया जा रहा हैं। खास कर युवाओं को।
पंचायत धर्म, सिर टेकने से या उसके सिर टेकने पर ट्रॉल करने से आगे नही बढ़ेगा।
अच्छी और खुशहाल पंचायत का सपना देखना चाहते हो तो मुखिया के आंखे में आंखे डाल कर बच्चो की अच्छी शिक्षा पर चर्चा करो, जिस करीब को बिद्दा पेंशन नही मिला है उसे पेंशन दिलाने का काम करो, अगर इन सब कामों में मुखिया साथ नही देता तब सोशल मीडिया पर उसकी बुरी करतूत एक एक चित्र खोलो। जो इंद्रा आवास से वंचित है, उन्हें इंद्रा आवास योजना के लिए मुखिया से सवाल करो।
पंचायत के कई ऐसे जगह हैं जहां कच्ची सड़क बनाने चाहिए लेकिन बना नही हैं। इसके लिए आवाज उठाएं। न कि जाति धर्म के नाम पर अपना सत्ता चमकाए।
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