पूर्णिया में भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी भाषण पर विपक्षी दृष्टिकोण से टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि मोदी का वक्तव्य झूठ का पुलिंदा है। उन्होंने सीमांचल के प्रवासी मजदूरों के लिए मोदी सरकार की आलोचना की, कोई कानून नहीं बनाया गया है जो उनकी सुरक्षा और रोजगार की सुनिश्चित करे। उन्होंने इसे "मजदूर व सीमांचल विरोधी रवैये" का उदाहरण बताया।
आलम ने कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों के प्रति सरकार की अनुदार नीतियों को भी निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि बिहार के प्रवासी मजदूरों को कोई मुआवजा नहीं मिला है, जोकि उनकी पीड़ा को और बढ़ाता है। महबूब आलम बिहार में वृद्ध और अशक्त लोगों के लिए पेंशन की अभाव की चर्चा कि केंद्र सरकार सिर्फ पांच सौ पेंशन देती हैं,जो उनके जीवन की गंभीरता को नहीं समझता।
उन्होंने कोसी – महानंदा प्रोजेक्ट की स्थिति पर भी रोशनी डाली,कहते हुए कि इस परियोजना में कोई अग्रसर नहीं हो रहा है और यह लूट का सफेद हाथी बन गया है।
उन्होंने मक्का उत्पादन से जुड़ी मुद्दे पर भी अपनी राय दी,कहते हुए कि मक्का उत्पादकों को एमएसपी की कोई गारंटी नहीं मिली है।
आलम ने अन्य कई मुद्दों पर भी ध्यान दिया, जैसे कटिहार का जूट मिल और खाद्य पदार्थों से इथेनॉल का उत्पादन। उन्होंने कहा कि बिहार को किसी विशेष पैकेज या राज्य का दर्जा नहीं मिला