सूफ़ी इतिहास का केंद्र था बिहार: सय्यद अमजद हुसैन

Rooh-E-Seemanchal Staff
By -

सूफ़ी इतिहास का केंद्र था बिहार: सय्यद अमजद हुसैन

बिहार के युवा लेखक सय्यद अमजद हुसैन ने ट्वीट करते हुए बताया की “बिहार एक वक़्त में सूफ़ी बुज़ुर्गों का केंद्र हुआ करता था, जब दिल्ली से शुरू हुआ फ़िरदौसिया सिलसिला सिर्फ़ बिहार में ही फल-फूल कर रह गया।” 

कब था सूफ़ी इतिहास का केंद्र?

बक़ौल अमजद, बिहार में जब इमाम ताज फ़क़ीह के परपोते शैख़ शरफुद्दीन अहमद यहया मनेरी दिल्ली जा कर फ़िरदौसी सिलसिला में मुरीद हुए और उस सिलसिला को पूरे बिहार में फैला रहे थे तब बिहार सूफ़ी केंद्र हुआ करता था। उनके मुरीदों में शेखपुरा ज़िला बसाने वाले शाह मुहम्मद शोएब फ़िरदौसी भी शामिल थे और शेखपुरा के मतोखर स्थित दरगाह के ख़्वाजा इसहाक मगरबी एवं अन्य कई हज़ार शिष्य थे। 

एक नहीं सौ किताब भी इतिहास नहीं दर्शा सकते

अमजद फ़िलहाल बिहार के सूफ़ी इतिहास पर किताब लिखने की ओर अग्रसर हैं लेकिन उन्होंने यह भी साझा किया है कि सूफ़ी इतिहास इतना पुराना है की सिर्फ़ एक किताब तो कुछ नहीं है, यहाँ तक कि सौ किताब में भी कुछ नहीं आएगा। अमजद ने बताया, मैं आसान शब्दों में ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी देने की कोशिश करूँगा। फ़िलहाल अमजद का दौरा बिहार के दरगाहों पर चल रहा है। 

युवा लेखक कौन है?

सय्यद अमजद हुसैन बिहार के शेखपुरा ज़िला से हैं और अभी पश्चिम बंगाल के मौलाना अबुल कलाम आज़ाद यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी में स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने इससे पहले उर्दू शायर की जीवनी लिखी थी और अब बिहार के सूफ़ी इतिहास पर लिखने को है। अमजद लेखन के साथ उर्दू में शायरी भी लिखते हैं और शोध भी कर रहे हैं।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!