सुपौल से जन सुराज की पदयात्रा की शुरुआत: प्रशांत किशोर का भव्य स्वागत, जनता से जुड़ी समस्याओं पर संवाद

Rooh-E-Seemanchal Staff
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सुपौल जिले के प्रतापगंज प्रखंड के सुर्यापुर ग्राम से शनिवार को प्रशांत किशोर ने अपनी बहुप्रतीक्षित जन सुराज पदयात्रा की शुरुआत की। प्रशांत किशोर, जो अपने रणनीतिक कौशल और राजनीतिक सूझबूझ के लिए जाने जाते हैं, इस बार जनता के बीच सीधे संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से पदयात्रा कर रहे हैं। इस यात्रा के जरिए वे बिहार के विभिन्न इलाकों का दौरा कर जनसमस्याओं को समझने और उनका हल ढूंढने के लिए लोगों से मिलकर चर्चा करेंगे।


यात्रा की शुरुआत के दौरान प्रशांत किशोर का जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया। परसा बीरबल, टेकुना और भवानीपुर जैसे गांवों में बड़ी संख्या में लोग उनके समर्थन में जमा हुए। फूलों की मालाओं, अंगवस्त्रों और ढोल-नगाड़ों के साथ ग्रामीणों ने उनका अभिवादन किया। कई स्थानों पर आतिशबाजी के साथ प्रशांत किशोर की पदयात्रा का स्वागत हुआ। स्थानीय युवाओं का जोश और समर्थन इस यात्रा के दौरान स्पष्ट रूप से देखा गया, जो बड़ी संख्या में उनके साथ चल रहे थे।


जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य है कि बिहार के लोगों की आवाज़ को सही मंच मिले और उनकी समस्याओं को दूर किया जा सके। प्रशांत किशोर ने बताया कि यह पदयात्रा सिर्फ एक राजनीतिक गतिविधि नहीं है, बल्कि बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति को समझने और उनके विकास के लिए एक प्रयास है।


रात्रि विश्राम के लिए प्रशांत किशोर भवानीपुर दक्षिण में जन सुराज कैंप पहुंचे, जहां उन्होंने स्थानीय निवासियों से संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने ग्रामीणों से उनकी समस्याओं, जरूरतों और उम्मीदों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी यात्रा का हर कदम बिहार के विकास और जनता की भलाई के लिए होगा। प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि उनके लिए यह यात्रा सिर्फ एक राजनैतिक यात्रा नहीं, बल्कि एक सामाजिक अभियान है, जो राज्य के हर कोने में व्याप्त समस्याओं के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।


यात्रा के दौरान ग्रामीणों ने उत्साह के साथ उनका स्वागत किया। बैंड-बाजे, ढोल-नगाड़ों के साथ उनकी पदयात्रा की शोभा और बढ़ गई। प्रशांत किशोर ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार के युवाओं के समर्थन से ही राज्य में बदलाव संभव है, और उनकी पदयात्रा का मुख्य लक्ष्य इस बदलाव की प्रक्रिया को तेज करना है।


प्रशांत किशोर की यह यात्रा न केवल राजनीतिक हलचल पैदा कर रही है, बल्कि बिहार की जनता के साथ सीधा संपर्क स्थापित करने का एक नया तरीका भी है।

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