बाढ़ राहत सामग्री में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए मुखिया शारीफुल उर्फ धोनी का प्रदर्शन, प्रशासन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

Md karim Didar
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बरारी प्रखंड के दक्षिणी कांटाकोस पंचायत के मुखिया शारीफुल उर्फ धोनी ने बाढ़ राहत सामग्री के वितरण में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ ब्लॉक परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री नहीं मिल रही है, जबकि कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों को इस सहायता का अनुचित लाभ दिया जा रहा है। प्रदर्शन के दौरान प्रशासन पर भ्रष्टाचार और लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए गए, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।

अनियमितताओं पर मुखिया का आरोप

मुखिया शारीफुल उर्फ धोनी ने कहा कि बाढ़ पीड़ित, जिन्हें सरकारी सहायता की सख्त जरूरत है, अब भी राहत सामग्री की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उनके अनुसार, प्रशासन ने राहत सामग्री वितरण के दौरान गड़बड़ी की है और वास्तविक पीड़ितों को छोड़कर, कुछ प्रभावशाली लोगों को इसका लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि कई बाढ़ प्रभावित परिवार अब भी भोजन, दवाइयों और आश्रय के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि सरकारी रिकॉर्ड में यह दर्शाया जा रहा है कि राहत सामग्री का वितरण हो चुका है।

मुखिया ने प्रशासन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा, "यह स्पष्ट है कि प्रशासन और कुछ स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से राहत सामग्री का गलत तरीके से वितरण किया जा रहा है। जिनके पास ताकत और पहुंच है, उन्हें यह सहायता मिल रही है, जबकि असली पीड़ित खाली हाथ हैं।" उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे और उनके समर्थक उग्र आंदोलन करेंगे।

समर्थकों के साथ जोरदार प्रदर्शन

धोनी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ ब्लॉक परिसर पहुंचे, जहां उन्होंने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और तत्काल राहत सामग्री के सही वितरण की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर भ्रष्टाचार, लापरवाही और संवेदनहीनता का आरोप लगाया, और ब्लॉक परिसर के भीतर जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि प्रशासन के अधिकारी उन तक राहत सामग्री पहुंचाने में विफल रहे हैं और कुछ चुनिंदा लोगों को ही इसका फायदा मिल रहा है।

प्रदर्शन के दौरान मुखिया ने यह भी कहा कि बाढ़ के समय में प्रशासन की यह लापरवाही न केवल दुखद है, बल्कि यह आम जनता के प्रति उनके कर्तव्य से भी दूर है। उन्होंने कहा, "बाढ़ के समय में जब लोगों को सरकारी मदद की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब प्रशासन ने अपनी आंखें मूंद लीं।

प्रशासन का पक्ष

दूसरी ओर, प्रखंड के पदाधिकारी ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया। उन्होंने कहा कि राहत सामग्री के वितरण में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है और इस प्रकार के आरोपों का कोई आधार नहीं है। पदाधिकारी ने कहा, "राहत सामग्री का वितरण उचित प्रक्रिया के तहत किया गया है। जिन लोगों को सामग्री नहीं मिली है, उनकी शिकायतों की जांच की जाएगी और इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।"

उन्होंने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि प्रशासन उनकी चिंताओं को गंभीरता से लेगा और यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है, तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि राहत सामग्री के वितरण में किसी प्रकार का पक्षपात नहीं किया गया है, और जो भी जरूरतमंद हैं, उन्हें हरसंभव सहायता दी जाएगी।
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