आदिल हसन ने बताया कि यह समस्या सिर्फ बिजली कटौती तक सीमित नहीं है, बल्कि बिजली विभाग की बर्बरता और पुलिसिया अत्याचार भी इस क्षेत्र के लोगों की समस्याओं में शामिल हैं। उन्होंने जिक्र किया कि करीब एक साल पहले बारसोई में बिजली कटौती और अन्य समस्याओं के विरोध में प्रदर्शन कर रहे तीन नौजवानों को पुलिस ने गोली मारकर छलनी कर दिया था। यह घटना पुलिस की बर्बरता का एक ज्वलंत उदाहरण है, और इस मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
In the coming days, a strong voice will be raised to ensure that Abadpur Barsoi subdivision of Katihar gets uninterrupted electricity supply. Vijendra Yadav's Supaul district has electricity 24 hours a day, but why not Seemanchal? Abadpur has such a dense population minority are… pic.twitter.com/V3Rcn3gVix
— Md Karim Didar (@MdKarimDidar) September 25, 2024
स्वास्थ्य सेवाओं की कमी पर भी सवाल
आदिल हसन ने बिजली के अलावा स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को भी सरकार के सामने गंभीर मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि बारसोई के आबादपुर इलाके में एक भी ढंग का अस्पताल नहीं है। अगर किसी व्यक्ति को गंभीर बीमारी हो जाए या सांप काट ले, तो लोगों को इलाज के लिए बंगाल पर निर्भर होना पड़ता है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री पर तीखा तंज कसते हुए कहा कि इतने बड़े क्षेत्र में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं, जो सरकार की नाकामी को दर्शाता है।
आदिल हसन ने सरकार से अपील की कि वे तुरंत इन समस्याओं का समाधान करें। उन्होंने कहा कि अगर इस इलाके के लोग अब भी उपेक्षित रहेंगे, तो यह अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। AIMIM की ओर से जनता के हक की लड़ाई हर स्तर पर जारी रहेगी।
सरकार तक पहुंचाई गई आवाज
यह पहली बार नहीं है जब आदिल हसन ने जनता के मुद्दों को उठाया है। वे लगातार बारसोई और आस-पास के इलाकों में हो रही समस्याओं को लेकर मुखर रहे हैं। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो वे और उनकी पार्टी इस मामले को और भी उग्र आंदोलन का रूप देंगे।
बारसोई के लोग आज भी बिजली, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं। एडवोकेट आदिल हसन जैसे नेताओं की कोशिशें इस दिशा में एक उम्मीद की किरण हैं, लेकिन अंततः सरकार की तत्परता ही इन समस्याओं का समाधान कर सकती है।