श्री राजेश्वरी पाण्डेय (बि०प्र०से०), कोटि क्रमांक-544/23. तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी, बारसोई, कटिहार सम्प्रति अपर समाहर्त्ता, आपदा प्रबंधन, पूर्वी चंपारण के विरुद्ध जिला पदाधिकारी, कटिहार के पत्रांक-1813 दिनांक 03.07.2024 द्वारा श्री पाण्डेय के विरुद्ध आरोप-पत्र उपलब्ध कराया गया। प्राप्त आरोप पत्र के अनुसार श्री राजेश्वरी पाण्डेय, अनुमंडल पदाधिकारी, बारसोई, कटिहार के पदस्थापन काल में दिनांक 26.07.2023 को कटिहार जिला अंतर्गत बारसोई प्रखंड परिसर स्थित विद्युत उपकेन्द्र में अनियमित विद्युत आपूर्ति की समस्या को लेकर स्थानीय जन प्रतिनिधियों द्वारा धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम किया गया था। इस कार्यक्रम को आरोपित पदाधिकारी द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया तथा ससमय अपेक्षित कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण विधि-व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न हुई। विधि-व्यवस्था/समस्या को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा हवाई फायरिंग की गयी। इस क्रम में गोली लगने से दो प्रदर्शनकारियों की मृत्यु हो गयी तथा एक व्यक्ति घायल हो गया।
जिला पदाधिकारी, कटिहार से प्राप्त आरोप-पत्र के आधार पर विभागीय स्तर पर आरोप-पत्र पुनर्गठित कर अनुशासनिक प्राधिकार के अनुमोदनोपरांत विभागीय पत्रांक-12991 दिनांक 16.08.2024 द्वारा श्री पाण्डेय से बचाव हेतु लिखित अभ्यावेदन की मांग की गयी। श्री पाण्डेय के अभ्यावेदन दिनांक 02.09.2024 द्वारा अपना लिखित बचाव अभिकथन समर्पित किया गया, जिसमें इनका कहना है कि :-
(i) प्रदर्शनकारियों द्वारा शांतिपूर्ण धरना हेतु इजाजत मांगी गयी थी। आवेदकों के समक्ष ही विद्युत विभाग के सहायक अभियंता को कार्यालय कक्ष में बुलाकर उनकी समस्याओं से अवगत कराया गया। सहायक अभियंता द्वारा उनलोगों को बताया गया कि विद्युत आपूर्ति में सुधार हेतु कार्य चल रहा है तथा संचरण प्रमंडल, पूर्णियां से समन्वय स्थापित कर समस्या का निराकरण कर लिया गया है। इसलिये यह धरना प्रदर्शन उचित नहीं है। आवेदनकर्त्ताओं के सामने ही सर्वसम्मति से धरना प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गयी तथा उनके द्वारा भी धरना प्रदर्शन स्थगित करने को कहा गया।
(ii) दिनांक 26.07.2023 को अचानक आयोजनकर्ताओं द्वारा शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन के लिए लोगों को बुला लिया गया, 11.30 बजे सूचना प्राप्त होते ही वार्ता का प्रयास किया गया तो उनलोगों द्वारा बताया गया कि ज्ञापन देकर फोटो खिंचवाकर चले जायेंगे। श्री पाण्डेय द्वारा तत्कालीन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को अपने कक्ष में बुलाकर सारी स्थिति पर चर्चा की गयी। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं थाना प्रभारी द्वारा इन्हें बताया गया कि वे लोग ज्ञापन देकर और फोटो खिंचवाकर चले जायेंगे, सब कुछ शांतिपूर्ण रहेगा।
(iii) इनके द्वारा 12.15 बजे स्थानीय माननीय विधायक से दूरभाष पर बात की
गयी और उनसे अनुरोध किया गया कि वे स्वयं धरना स्थल पर आकर लोगों को
समझाएं और नियंत्रित करें। माननीय विधायक द्वारा बताया गया कि धरना प्रदर्शन करने
बाले उनकी बात नहीं समझते हैं और उन्होंने धरना स्थल पर आने से मना कर दिया।
(iv) चूँकि प्रदर्शन प्रखंड कार्यालय परिसर में ही हो रहा था, अतः श्री पाण्डेय द्वारा प्रभारी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रभारी अंचलाधिकारी से दूरभाष पर बात कर और कार्यालय कक्ष में बुलाकर आवश्यक निदेश दिये गये। श्री पाण्डेय के निदेश पर दोनों पदाधिकारियों ने प्रदर्शन स्थल पर जाकर ज्ञापन की मांग की। प्रदर्शनकारियों द्वारा ज्ञापन देने से मना करते हुए कहा गया कि विद्युत विभाग के पदाधिकारी को भेजा जाय। इनके द्वारा विद्युत विभाग के सहायक अभियंता को ज्ञापन लेने हेतु भेजा गया, लेकिन उन्हें देखते ही भीड़ से कुछ लोगों ने मारो मारो करते हुए उन्हें दौड़ाया।
(v) यह सूचना मिलते ही श्री पाण्डेय और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी थाना प्रभारी के साथ उन्हें समझाने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे तब तक भीड़ का कुछ हिस्सा हिंसक होकर पत्थरबाजी और तोड़-फोड़ करने लगा। भीड द्वारा विद्युत कार्यालय में कर्मियों के साथ मार-पीट की गयी तथा विद्युत कार्यालय को तहस-नहस कर दिया गया। इस क्रम में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी भी घायल हो गये। विद्युत विभाग के कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों की रक्षा करने और विधि-व्यवस्था से निबटने के लिये पुलिस द्वारा हवाई फायरिंग की गयी जिसमें दो व्यक्तियों की गोली लगने से मृत्यु और एक व्यक्ति के घायल होने की सूचना प्राप्त हुई।
(vi) इसमें से दो लोग मो० नियाज और सोनू घटनास्थल से 200 फीट से ज्यादा दूर पर खड़े थे, जहां किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा उन्हें गोली मारने की जानकारी सी०सी०टी०वी० फुटेज से हुई।
(vii) आरोपित पदाधिकारी के अनुसार विद्युत आपूर्ति में अनियमितता संबंधित
विद्युत विभाग के खिलाफ जन असंतोष को असामाजिक तत्वों द्वारा हिंसा में परिणत कर
दिया गया। सब कुछ शांतिपूर्ण रहने की सूचना लगातार प्राप्त हो रही थी, लेकिन
सी०सी०टी०वी० फुटेज में असामाजिक तत्वों द्वारा गोली चलाकर हिंसा का रूप दिया
जाना, गहरी साजिश की ओर इंगित करता है।
(viii) इनके द्वारा आरंभ से ही पर्याप्त तत्परता बरती गयी तथा प्रदर्शनकारियों को समझाने-बुझाने और उन्हें उग्र होने से रोकने का हरसंभव प्रयास किया गया। श्री पाण्डेय के विरुद्ध प्रतिवेदित आरोपों एवं इनसे प्राप्त स्पष्टीकरण की समीक्षा
अनुशासनिक प्राधिकार द्वारा की गयी। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि :- (i) धरना एवं प्रदर्शन के लिए अनुमति अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा नहीं दी गयी
थी। इसके बावजूद दिनांक 26.07.2023 को स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं विद्युत
उपभोक्ताओं द्वारा बारसोई प्रखंड कार्यालय परिसर में सभा/धरना आयोजित किया गया।
(ii) सभा/धरना के क्रम में उग्र भीड़ द्वारा विद्युत कार्यालय परिसर में तोड़-फोड़ की गयी। उग्र भीड़ द्वारा लाठी-डंडा तथा ईट-पत्थर चलाने से कई पुलिस पदाधिकारी तथा पुलिस कर्मी भी घायल हुए। विधि-व्यवस्था को नियंत्रित करने तथा कर्मियों की पूर्ण रक्षा तथा पुलिस बल द्वारा आत्मरक्षा हेतु हवाई फायरिंग की गयी, जिसमें दो व्यक्ति की मृत्यु हुई तथा एक व्यक्ति घायल हुए।
(iii) इस घटनाक्रम में अनुमंडल पदाधिकारी, बारसोई की प्रशासनिक विफलता परिलक्षित होती है। वे मामले की गंभीरता का पूर्वानुमान करने में असफल रहे। यदि ससमय घटनास्थल पर पुलिस पदाधिकारियों के साथ ये स्वयं पहुंचे होते तो शायद भीड़
को उग्र होने से रोके जाने की स्थिति बन सकती।
समीक्षोपरांत अनुशासनिक प्राधिकार द्वारा श्री राजेश्वरी पाण्डेय (बि०प्र०से०), कोटि
क्रमांक-544/23. तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी, बारसोई, कटिहार के स्पष्टीकरण
अस्वीकार योग्य पाते हुए उनके विरुद्ध बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) (यथासंशोधित) नियमावली, 2005 के नियम-19 के संगत प्रावधानों के तहत नियम-14 में उल्लिखित शास्ति (i) निन्दन (आरोप वर्ष 2023-24) एवं (ii) 01 (एक) वेतनवृद्धि असंचयात्मक प्रभाव से रोक का दंड विनिश्चित किया गया है। अतएव अनुशासनिक प्राधिकार के निर्देशानुसार श्री राजेश्वरी पाण्डेय (बि०प्र०से०), कोटि क्रमांक-544/23. तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी, बारसोई, कटिहार के विरुद्ध बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) (यथासंशोधित) नियमावली, 2005 के नियम-19 के संगत प्रावधानों के तहत नियम-14 में उल्लिखित शास्ति (1) निन्दन (आरोप वर्ष 2023-24) एवं (ii) 01 (एक) वेतनवृद्धि असंचयात्मक प्रभाव से रोक
का दंड अधिरोपित एवं संसूचित किया जाता है।
आदेशः आदेश दिया जाता है कि इस संकल्प की प्रति बिहार राजपत्र के अगले अंक में प्रकाशित किया जाय तथा इसकी प्रति सभी संबंधित को भेज दी जाय।
बिहार राज्यपाल के आदेश से,